मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश इलाहाबाद की स्थापना
सर्वप्रथम फेक्नर नामक वैज्ञानिक ने
1860 जर्मन भाषा में लिखी किताब एलिमेंट्स
ऑफ़ शाइकोफिजीस्क में मनोविज्ञान समस्याओं
को वैज्ञानिक पद्धति परिवेश में अध्ययन करने के चरणों के बारे में बताया | इसके साथ
वुंट नामक वैज्ञानिक का विश्व की प्रथम मनोविज्ञान शाला की
स्थापना का मुख्य श्रेय रहा है इन्होने सन 1879
में जर्मनी के लाइपजिंग में प्रथम
मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना की और मनोविज्ञान के ओपचारिक रूप को परिभाषित करते
हुए कहा की “मनोविज्ञान एक अनुभव का विज्ञानं है जिसका प्रमुख उद्देश्य चेतना
अवस्था की प्रक्रियाओं के तत्वों का विश्लेषण कर उनके परस्पर सम्बन्ध और इन्हे
निर्धारित करने वाले नियमों का पता लगाना है”
मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश इलाहाबाद की स्थापना कब हुई?
भारत में मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना
भारत में मनोविज्ञान प्रयोगशाला की
स्थापना सर्वप्रथम कोलकाता विश्वविद्यालय में 1916 की गयी इसकी स्थापना नरेन्द्रनाथ
सेनगुप्ता ने किया ,वही
उत्तर प्रदेश की प्रथम मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना सन
1947 में आचार्य नरेन्द्र देव समित (मनोविज्ञान का जन्मदाता कौन है?) के द्वारा उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के तत्वाधान
में इलाहाबाद(प्रयागराज )(मनोविज्ञान शाला उत्तर प्रदेश में कहाँ है?) में की गयी|
वर्तमान में मनोविज्ञानशाला, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ की “ब्यूरो
ऑफ़
साइकोलॉजी”
नाम से विशिष्ट संस्था
है
मनोविज्ञानशाला में प्रान्तीय शिक्षा सेवा वर्ग क अधिकारी निदेशक के रूप में
कार्य करता है तथा उसकी
सहायता तथा कार्यों के सुचारु रूप
से संचालन के लिये मनोवैज्ञानिक
तथा सहायक मनोवैज्ञानिक होते है इन्हे मनोविज्ञान
में महारत हांसिल होती है यह सभी
शिक्षा विभाग के प्रवक्ता स्तर
के होते है|
मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश इलाहाबाद की स्थापना |
मण्डलीय मनोविज्ञानशाला केन्द्र
लोगो को मनोवैज्ञानिक सेवाएँ
प्रदान करने के लिये मण्डल
स्तर पर 10 मण्डलों में
मनोविज्ञानशाला केन्द्रो का निर्माण किया
गया है जो निम्न
प्रकार है–लखनऊ,
आगरा,
कानपुर,
झाँसी,
बरेली,मेरठ,
वाराणसी,
मुरादाबाद,गोरखपुर,फैज़ाबाद,मुरादाबाद
मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र की स्थापना-सन 1916 में भारत में पहला मनोविज्ञान विभाग और पहली मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना कलकत्ता विश्वविद्यालय में डॉ एन एन सेन गुप्ता के नेतृत्व में में स्थपना की गयी थी। जो आज 10 मंडलो में यह केंद्र निर्मित हो चुके है।
मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र की उत्तर प्रदेश में संख्या- अगर बात की जाये की, मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र की उत्तर प्रदेश में कुल संख्या कितनी है? तो हम कह सकते है उत्तर प्रदेश में मण्डलीय मनोविज्ञान केन्द्र 10 मण्डलों -लखनऊ, कानपुर, झाँसी, आगरा, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, बरेली, अयोध्या एवं गोरखपुर में है |
मनोविज्ञान शाला के उद्देश्य–
इसके निम्न लिखित उद्देश्य है
1-5-20 वर्ष के छात्र–छात्राओं
के लिये शैक्षिक,व्यावसायिक और व्यक्तिक निर्देशन
देना
2-शारीरिक और मानसिक योग्यताओं
के आकलन के लिये निम्न
कार्य करती है
*DGP( डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड
साइकोलॉजी) देना
*NMMS(National
merit cum means Scholarship examination) परीक्षा
का आयोजन कराना
3-प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के शिक्षको को
शिक्षण प्रदान करना
4-निर्देशन एवं परामर्श प्रदान करना
5-मनोविज्ञान रूप से सक्षम बनाने
हेतु प्रशिक्षण देना
6-छात्रों को व्यावसायिक व
वैयक्तिक निर्देशन प्रदान करना
मनोविज्ञान शाला के कार्य –
इसके प्रमुख कार्य है
1-शैक्षिक निर्देशन देना
2-वैयक्तिक निर्देशन करना
3-बाल निर्देशन करना
4-व्यावसायिक निर्देशन करना
5-अन्य कार्य–
केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों
के चयन ने सहायता प्रदान
करती है जैसे–पुलिस
विभाग में उप–निदेशक, कांस्टेबल,
ड्राइवर आदि के चयन में
सहायता प्रदान करना है |
* स्पोर्ट कॉलेज लखनऊ, गोरखपुर, फैज़ाबाद आदि में प्रवेश लेने हेतु अभ्यार्थियों का सामान्य ज्ञान
व खेल अभिरुचि का परीक्षण करना
प्रश्न और उत्तर 👇👇👇👇👇
स्थापना किसने की ?
उत्तर-वुंट नमक वैज्ञानिक ने 1879 में
की स्थापना कहाँ हुयी ?
उत्तर- जर्मनी के लाइपजिंग में
प्रश्न-भारत में मनोविज्ञान के जनक कौन है?
उत्तर- भारत में मनोविज्ञान के जनक विलियम जेम्स को कहा जाता है।
की स्थापना कहाँ हुयी ?
उत्तर- कोलकाता विश्वविद्यालय में
1916 में नरेन्द्रनाथ सेनगुप्ता ने किया
की स्थापना किसने की ?
उत्तर-आचार्य नरेंद्र ने
उत्तर-इलाहाबाद(प्रयागराज)
की स्थापना कब हुयी ?
उत्तर- सन 1947 में
होता है ?
उत्तर-पदेन निर्देशक
कया है ?
उत्तर -5-20 वर्ष के छात्र-छात्राओं
के लिये शैक्षिक,व्यावसायिक और व्यक्तिक निर्देशन देना
स्थापना की गयी है ?
उत्तर-10 मण्डलों में
में किस स्तर के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है?
उत्तर–प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर
के शिक्षको को
प्रश्न -भारत में मनोविज्ञान का आधुनिक काल का प्रारंभ कब से माना जाता है?
उत्तर-भारत में मनोविज्ञान का आधुनिक काल कलकत्ता विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में 1915 में प्रारंभ हुआ जहाँ पर भारत की प्रथम मनोविज्ञान का पाठ्यक्रम आरंभ किया गया।
प्रश्न-अधिगम मनोविज्ञान के जनक कौन हैं?
उत्तर- अधिगम मनोविज्ञान के जनक हर्मन एबिंगहास
प्रश्न-सामाजिक मनोविज्ञान के जनक कौन है?
उत्तर- सामाजिक मनोविज्ञान का जनक विलियम मैकडूगल तथा ओटो क्लाइनबर्ग को कहा जाता है।
प्रश्न-भारत में शिक्षा मनोविज्ञान की शुरुआत कब हुई?
उत्तर-भारत में शिक्षा मनोविज्ञान का जन्म मनोविज्ञान की शाखा के रूप में 1900 ई० में हुयी।
प्रश्न -निर्मितवाद का जनक कौन है?
उत्तर- निर्मितवाद के जनक जीन पियाजे है।
प्रश्न-शिक्षा मनोविज्ञान की उत्पत्ति का वर्ष कौन सा है?
उत्तर- शिक्षा मनोविज्ञान की उतिपत्ति का वर्ष 1947 है।
प्रश्न- मनोविज्ञान की कितनी शाखाएं हैं?
उत्तर–मनोविज्ञान की सामान्यतः दो प्रकार की मूलभूत एवं अनुप्रयुक्त शाखाएं हैं। इन शाखाओं के अंतर्गत महत्वपूर्ण शाखाएं जैसे सामाजिक एवं पर्यावरण मनोविज्ञान, संगठनात्मक व्यवहार/मनोविज्ञान, क्लीनिकल मनोविज्ञान, औद्योगिक मनोविज्ञान, विकासात्मक, आपराधिक, प्रायोगिक परामर्श, मार्गदर्शन एवं परामर्श,पशु मनोविज्ञान आदि है।
प्रश्न-शिक्षा मनोविज्ञान का अर्थ क्या है?
उत्तर-शिक्षा मनोविज्ञान विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्गत यह अध्ययन किया जाता है कि मानव शैक्षिक वातावरण में कैसे सीखता है तथा इसके साथ ही साथ शैक्षणिक क्रियाकलापो को अधिक प्रभावी कैसे बनाये जा सकते हैं।
इस तरह से कहा जा सकता है कि शिक्षा मनोविज्ञान शैक्षणिक स्थितियों में मानव व्यवहार का अध्ययन करता है।
प्रश्न- मनोविज्ञान की विशेषताएं क्या है?
उत्तर-मनोविज्ञान विज्ञान की वह शाखा है जो वातावरण के भौतिक तथा अभौतिक प्रभाव का अध्ययन प्राणियों के व्यवहार पर करता है तथा अन्तिम रूप से प्राणियों की ज्ञानात्मक तथा संवेगात्मक प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करता है।
प्रश्न-भारत में मनोविज्ञान की पहली प्रयोगशाला कहाँ खुली?
उत्तर- भारत में पहला मनोविज्ञान विभाग और पहली मनोविज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना कलकत्ता विश्वविद्यालय में डॉ एन एन सेन गुप्ता के नेतृत्व में 1916 में स्थापित की गई थी।
प्रश्न-मनोविज्ञान का कौन सा परिप्रेक्ष्य व्यक्ति के अति व्यवहार पर जोर देता है?
उत्तर- मनोविज्ञान की सामाजिक मनोविज्ञान परिप्रेक्ष्य व्यक्ति के अति व्यवहार पर जोर देता है। जो सामाजिक व्यवहार और मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन है, जिसमें इस बात पर जोर दिया जाता है कि लोग कैसे एक दूसरे के बारे में सोचते हैं और कैसे एक दूसरे से सम्बंधित होते हैं।
प्रश्न मनोविज्ञानशाला कहाँ स्थित है ?
उत्तर- मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में स्थित है। मनोविज्ञानशाला की स्थापना आचार्य नरेंद्र देव् ने प्रयागराज में की।
प्रश्न-मनोविज्ञान का जन्मदाता कौन है ?
उत्तर-जर्मनी के चिकित्सक, दार्शनिक, प्राध्यापक विल्हेम मैक्समिलियन वुण्ट को आधुनिक मनोविज्ञान का जनक माना जाता है। वुण्ट ने मनोविज्ञान को विज्ञान माना और उन्होने ही सबसे पहले अपने आप को मनोवैज्ञानिक कहा। वुण्ट ने ही विश्व की प्रथम मनोविज्ञानशाला की स्थापना की।
प्रश्न-भारत के पहले मनोवैज्ञानिक कौन थे ?
उत्तर-भारतीय मनोवैज्ञानिक डॉ॰ एन. एन. सेनगुप्ता ने कलकत्ता विश्वविद्यालय में आधुनिक प्रायोगिक मनोविज्ञान का प्रारम्भ किया। डॉ॰ एन. एन. सेनगुप्ता को भारत का प्रथम मनोवैज्ञानिक कहा जाता है।
प्रश्न- मनोविज्ञान हमारे जीवन में कैसे उपयोगी हो सकता है ?
उत्तर-सामाजिक मनोविज्ञान के माध्यम से ही जीवन में आयी हुयी निराशा तथा कुण्ठा को कैसे दूर किया जाये, जीवन में सकारात्मक सोच कैसे आये तथा अच्छे व्यक्तित्व का विकास कैसे हो और जीवन में आयी सभी परिस्थितियों के क्या क्या कारण है को जान कर उनका निवारण किया जाता है।
प्रश्न-मनोविज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना कब हुयी ?
उत्तर-मनोवैज्ञानिक विलियम वुण्ट ने सन 1879 में लिपजिग, जर्मनी में प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना की।
आशा करता हूँ की www.examstd.com की पोस्ट मनोविज्ञानशाला उत्तर प्रदेश इलाहाबाद की स्थापना, केन्द्र, उद्देश्य, कार्य आप को पसन्द आयी होगी। अगर आप के कुछ सुझाव है तो अवश्य ही हमें कमेन्ट बॉक्स में बताये।
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