समायोजन की विशेषताएं एवं लक्षण d el ed 1st semester bal vikas notes pdf

www.way2pathshala.in , तथा www.examstd.com के द्वारा BTC/DELED 1st Semester, बाल विकास एवं सीखने की प्रक्रिया (प्रथम प्रश्न पत्र) के पाठ-3 व्यक्तित्व का विकास, उनका अर्थ एवं प्रकार से   समायोजन की विशेषताएं एवं लक्षण  को आप के समछ लाया गया है।  जिसके अंतर्गत समायोजन के प्रकार के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है 

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 समायोजन की विशेषताएं एवं लक्षण 

समायोजन करने वाले व्यक्ति में विभिन्न विशेषताएं होती हैं। इन्हीं विशेषताओं का अध्ययन इस प्रकार से किया गया है –

  1. ये पूर्णतया संतुलित रहते हैं। इनके स्पष्ट उद्देश्य होते हैं।
  2. ये अपनी समस्या का समाधान स्वयं कर लेते हैं।
  3. इन्हें हमेशा परिस्थिति का ज्ञान होता हैं।
  4.  ये अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट एवं सुखी रहने वाले होते हैं।
  5. ऐसे व्यक्ति समाज के प्रत्येक व्यक्ति का ध्यान रखने वाले होते हैं।
  6. ये संवेगात्मक रूप से स्थिर होते है।
  7. ये व्यक्ति अपनी योग्यता के अनुसार कार्य करते हैं।
  8.  ऐसे व्यक्ति अपनी गल्तियों का दोषारोपण दूसरों पर नहीं करते। 

समायोजन  के लक्षण 

समायोजन करने वाले व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण पाए जाते है 

  1. संतुष्टि एवं सुख 
  2. समाज के अन्य व्यक्तियों का ध्यान 
  3. संतुलन
  4. सामाजिकता, आदर्श चरित्र , संवेगात्मक रूप से अस्थिर , संतुलन एवं दायित्वपूर्ण  
  5. परिस्थिति का ज्ञान , नियंत्रण तथा अनुकूल आचरण 
  6. पर्यावरण तथा परिस्थिति से लाभ उठाना 

गेट्स के अनुसार-“समायोजित व्यक्ति वह है जिसकी आवश्यकताएं एवं तृप्ति सामाजिक दृष्टिकोण तथा सामाजिक उत्तरदायित्व की स्वीकृति की साथ संगठित हो”

 समायोजन का अर्थ क्या होता है?

समायोजन कितने प्रकार के होते हैं?

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