राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद्( NCTE),गढन, विशेषता,उद्देश्य, अधिकारी,महत्व तथा इसके कार्य,  राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् संसोधित बिल 2018


Subject-शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशासन 

BTC/DELED-4th Semester


राष्ट्रीय शिक्षक
शिक्षा
परिषद्(
NCTE-National Council for Teacher Education)

राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद् 1973 से पूर्व अध्यापक शिक्षा से सम्बन्धित सभी विषयों पर केन्द्र
तथा राज्य सरकार के लिए एक सलाहकार के रूप में कार्य करती थी | परिषद् का सचिवालय राष्ट्रीय
शैक्षिक अनुसन्धान तथा प्रशिक्षण परिषद् के अध्यापक शिक्षा विभाग में स्थित थे | शैक्षिक
क्षेत्र में अपने प्रशंसनीय कार्य के बावजूद परिषद्, अध्यापक शिक्षा के मानको को बनाये
रखने तथा घटिया शिक्षा संस्थान की बढ़ोतरी को रोकने में अपने अनिवार्य विनिमायक कार्य
नहीं कर सकी थी |

इस लिए राष्ट्रीय
शिक्षा नीति 1986 में यह कहा गया
था कि राष्ट्रीय शिक्षक
शिक्षा परिषद्रा को सर्वसम्पन्न बनाया
जायेगा जिससे यह पाठ्चर्या
पद्धतियों के गुणात्मक दायित्व
का निर्वाह कर सके जिससे इस तरह 1993 में नेशनल कॉउंसलिंग फॉर टीचर्स एजुकेशन एक्ट बना | इस एक्ट के
अनुसार सभी शिक्षक राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् के अधीन हो गये|

 

नोट :-राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् को दूसरे नाम राष्ट्रीय अध्यापक  शिक्षा परिषद् के नाम से भी जाना जाता है |

 

राष्ट्रीय शिक्षक
शिक्षा
परिषद्
(NCTE)
का
गढन

राष्ट्रीय
शिक्षक शिक्षा परिषद् को  N.C.T.E. नाम से जाना जाता है |इसका गठन 17 अगस्त 1955 को राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा परिषद् अधिनियम 1933 के अनुसरण में
एक स्वायत्त निकाय के रूप में
किया गया | इससे पूर्व राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् की भूमिका अध्यापक
शिक्षा से सम्बन्धित सभी
विषयों पर केंद्रीय और
राज्य सरकारों के लिये एक
सलाहकार निकाय के रूप में
थी |

NCTE का फुल
फार्म
बताइये
(Full Form of NCTE)?

NCTE का
फुल फार्म NCTE(National
Council for Teacher Education)
इसको
हिन्दी में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् अथवा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् नाम से जाना जाता
है |

 
नेशनल कॉउंसलिंग
फॉर
टीचर्स
एजुकेशन
एक्ट
की विशेषताएँ

इस
कानून की निम्नलिखित विशेषताएँ
है

इस
कानून से अभिप्राय उन
व्यक्तियों के प्रशिक्षण या
अनुसंधान से है जो
पूर्व प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ना चाहते है तथा इसमें
अशंकालीन, निरोपचारिक , प्रौढ़ शिक्षा तथा पत्राचार शिक्षा को शामिल किया
गया | साथ ही शिक्षक शिक्षा
की योग्यता को शामिल किया
गया जिससे अभिप्राय डिग्री, डिप्लोमा से है जो
किसी विश्वविद्यालय अथवा एक्ट के अधीन किसी
प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा दिया
गया हो |

 

राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद्( NCTE),गढन, विशेषता,उद्देश्य, अधिकारी,महत्व तथा इसके कार्य

 इसे भी पढ़े👉 बाल विकास का अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता, क्षेत्र, प्रकृति, प्रभावित करने वाले कारक तथा उद्देश्य


राष्ट्रीय शिक्षक
शिक्षा
परिषद्
के
अधिकारी

इसके
अधिकारी निम्न होते है

1 अध्यक्ष

2 उपाध्यक्ष

3 सदस्य
सचिव

4 सदस्य

राष्ट्रीय
शिक्षक शिक्षा परिषद् में सदय के रूप में
निम्न होते है

*भारत
सरकार का शिक्षा सचिव

*विश्वविद्यालय
अनुदान आयोग का अध्यक्षपदेन

*निदेशक
NCRT,पदेन

*निदेशक
नीपा ,पदेन

*परामर्श
दाताप्लानिंग कमीशन, पदेन

*चेयरमैन
CBSE, पदेन

*वित्तीय
सलाहकारपदेन सदस्य सचिव-AICTE क्षेत्रीय कार्यालयी अध्यक्ष

*13 सदस्य
(विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित जैसे
प्रोफ़ेसर, शिक्षा विशेषज्ञ, प्राकर्तिक विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा शास्त्र, व्यावसायिक शिक्षा, तकनिकी विशेषज्ञ )

*राज्य
सरकारों में प्रतिनिधित्व करने वाले 9 सदस्य

*संसद
के तीन सदस्य , जिनमे एक की नियुक्ति
चेयरमैन कॉउंसलिंग ऑफ़ स्टेटस द्वारा
तथा दो की नियुक्ति
लोकसभा के सभा पति
के द्वारा

 

*तीन
सदस्यों की नियुक्ति केंद्र
सरकार के दवारा प्राथमिक,
माध्यमिक शिक्षा एवं प्रशिद्ध शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों में
से

 

राष्ट्रीय शिक्षक
शिक्षा
परिषद्
के
उद्देश्य

राष्ट्रीय
अध्यापक शिक्षा परिषद् (NCTE) का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में अध्यापक शिक्षा प्रणाली
का नियोजित एवं समन्यवित विकास करना है तथा शिक्षा से सम्बंधित मामलों हेतु अध्यापक
शिक्षा प्रणाली में मनको एवं मानदण्डों का विनिमय करना |

राष्ट्रीय शिक्षक
शिक्षा
परिषद्
के
कार्य

1 शिक्षा
से सम्बंधित केन्द्र एवं प्रांतीय सरकारों और UGC एवं विश्वविद्यालयों को सलाह देना| 

2 सभी
प्रकार के शिक्षक शिक्षा
संस्थानों के लिये मानदण्ड
निर्धारित करना |

3  शिक्षक के सम्बंधित सभी
सभी पक्षों का सर्वेक्षण करना
|

4 सर्वेक्षण
परिणामों को प्रकाशित एवं
प्रसारित करना |

5 सभी
शिक्षक शिक्षा संस्थानों के लिए
पाठ्यक्रम निर्धारित करना

6 समयसमय पर नये पाठ्यक्रम
की शुरुआत करना |

7 न्यूनतम
योग्यता निर्धारित करना और उनकी चयन
प्रक्रिया के सम्बन्ध में
सलाह देना |

8 शिक्षण
शुल्क, अन्य शुल्क एवं छात्रवृतियों का निर्धारण करना
|

9 सर्वेक्षण
परिणामों को प्रकाशित एवं
प्रसारित करना  |

10  सभी शिक्षक
संस्थानों में समन्वय स्थापित करना |

11 शैक्षिक
शिक्षा के प्रसार में
सन्तुलन बनाये रखना |

12 नई
शिक्षक शिक्षा संसथान को मान्यता देने
से पहले उसका निरीक्षण करना तथा मानदण्ड पूरा करने पर मान्यता प्रदान
करना |

13 शिक्षा
के क्षेत्र में शोध कार्य एवं नवाचारों के प्रयोग को
बढ़ावा देना और साथ ही
शोध के स्तर को
उन्नत करना |

14 शिक्षक
शिक्षा के व्यवसायीकरण को
रोकना तथा उसके स्तरमान को बनाये रखना
|

 

राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा
परिषद्
से
सम्बन्धित
बिल

 

राष्ट्रीय अध्यापक
शिक्षा
परिषद्
संसोधित
बिल
2018

संसद
में राज्य सभा की मंजूरी के
बाद राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् संसोधित बिल 2018 को पारित किया
गया | इस बिलके अनुसार
उन शिक्षण संस्थानों को मान्यता दी
जायेगी जिनमे केन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकार के द्वारा 
फण्ड दिया जाता है | जिससे राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् अधिनियम 1993 में संसोधन किया गया |

 

बिल की
मुख्य
विशेषताएँ

इस
बिल के माध्यम से
केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित किये गये सभी शिक्षण संस्थानों को मान्यता दी
जायेगी | इनमे भी उन्ही संस्थानों
को मान्यता दी गयी जिनमे
षैक्षिक सत्र 2017-18 से पहले शिक्षक
शिक्षा के कोर्स चलाये
गये है तथा साथ
ही साथ इस बिल के
माध्यम से शिक्षक शिक्षा  संस्थानों
में नये कोर्सों की शुरुआत करने
की अनुमति प्रदान की गयी है
|



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